Posts

Showing posts from 2019

बिखराव...

Image
इस मौसम की तरह मेरी आँखों ने भी बेइमानी सीख ली है, न दिन देखती हैं न रात बस बरस पड़ती हैं। लगता है कुछ अधूरा सा है, सीने मे दिल तो है पर धड़कता नही है। कुछ एक खालीपन सा है मेरे भीतर जो हर वक़्त मुझे खलता है, न जाने क्यों रह-रहकर बीते वक़्त की गुमनाम गलियों में जाकर ठहर जाता है । अंधेरे का काला कम्बल ओढ़े ये रात, अक्सर मुझे डराती है  मानो अपने साये में मुझे समेट रही है।  ये बारिश जो कभी खूबसूरत लगती थी, आज इसके बरसने से मैं बिखर रही हूं, गीली मिट्टी की सौंधी खुशबू जो कभी मन में हजार उमंगें जगा देती थीं, आज वो भी कुछ फीकी सी मालूम पड़ती हैं।  हर शाम... मै लौटती तो हूं दफ्तर से  पर लगता है मै घर वापस आयी ही नही जैसे छूट गयी हूं कहीं, किसी वक्त की दौड़ के पीछे खुद को समेटते हुए।। कर तो रहीं हूं एक कोशिश, हर रोज़ खुद में कुछ टटोलने की इस नई दुनिया की रिवायतों को अपनाने की  पर शायद कही गुम हो रही हूं, जैसे अपने ही अस्तित्व को कही खो रहीं हूं।  डर लगता है, कहीं दफन न हो जाये मासूमियत मेरी  इन

एक सवाल?

Image
मुझे लिखना पसंद है या यू कहूं मुझे लिखने से मोहब्बत है। मैं हर दफा कुछ नया लिखने की कोशिश करती हूं, कुछ ऐसा जो मेरी ही लेखनी को चुनौती दे सके और मेरे अन्दर छुपे एक कलाकार को जन्म दे सके। पेशे से मैं एक राइटर हूं, पर सच कहूं तो मैं आज भी  खुदको एक राइटर कहने से कतराती हूं। और शायद तब तक कतराती रहूगीं जब तक मेरे लिखे हुए अल्फाज़  लोगो के दिल को छूते हुए उनकी जुबां पर आकर ,ये कहते हुए न ठहर जाए कि वाह क्या खूब लिखा है ! मुझे अक्सर इस सवाल से होकर गुजरना पड़ता है कि मैं क्यूं लिखती हूं? मेरी कहानियां, मेरी कविताएं और मेरी लिखी हुई शायरियां अक्सर मुझे सवालों के  घेरे में डाल देती हैं। मैं जब मोहब्बत  पर लिखती हूं तो लोग एक तंज कसते हैं कि मै इश्क कर बैठी हूं, और एक आशिकाना किस्म की शायरा बन गयी हूं।  जबकि मैं अपने किसी लगाव को नहीं, अपनी  नजरों के सामने हो रहे प्यार के अभाव को लिखती हूं। अगर जिंदगी पर लिखूं तो जमाने की नजरे इस कदर देखती हैं कि जाने जिंदगी मुझ पर कितने सितम कर बैठी है, और मैं दुनिया से बेतहाश होकर बेबस हो गयी हूं।  कभी जो दर्द लिख दूं तो जनाब, पूछिए ही मत जान

वो स्त्री है!

Image
एक महिला होने के नाते वह कभी यह नहीं कह सकती कि वह कमजोर पड़ रही है या उसके आत्मविश्वास में कमी आ रही है, क्योकि  वह जानती है कि ऐसा करने से उससे जुड़े उन सभी  लोगों की उम्मीदें भी डगमगाने  लगेंगी जिनका विश्वास उसकी दृढ़ृता पर टिका होता है, उसका व्यवहार, उसकी आदतें, उसके जीने का अंदाज़ ही कुछ लोगों को ज़िदगी में आगे बढ़ने के लिए हर कदम पर प्रेरित करता है, क्या इस बात का पता उसे है? वह लड़ रही होती है,अपने अंदर चल रही उन तमाम उलझनों से जिसका जिक्र भी  शायद वह किसी से करना पसंद नहीं करती। वह सहम जाती है दुनिया के उन कटाक्षों से जो अंत में सिर्फ यही कहेगें... गलती तो तुम्हारी भी  रही होगी। जाने कितने ही नकारात्मक भावनाओं का समन्दर उसके भीतर क्यों न उमड़ रहा हो लेकिन हर चोट की सिरहन को छुपाना वह बखूबी जानती है। इन सब के बावजूद भी वह कभी  खुद को बिखरने नहीं देती। थोड़ा सा साज- श्रृंगार  करके अपनी खूबसूरत मुस्कान के पीछे की पीड़ा को कभी  जाहिर  नहीं होने देती। अनेक रिश्तों के दायरें में उलझी एक स्त्री अपनी जिंदगी के हर किरदार को शिद्दत से निभाती है। अपनो के लिए सोचते-सोचते ही वह कितनी अंधेरी रातें

Have I changed?

I am little different when it comes to happiness. I find joy in little things. I look at the stars in the skies, and I smile like a super amazed kids. But at another moment I feel like is there something missing. I don't know why? but deep inside I am not able to be happy. Somehow, some things always drag me down. No, I am not depressed. I think I am in mess. I am girl who likes to be carefree. I act as I don't care. But sometimes I still overthinking, I still spend sleepless nights. I have always believed that goodness will win at the end. I take great pride in my heart it's innocence and it's purity. Yes, I do make fun of people. I say mean things. I pull their leg. I can get really rude. But I have always done more then I could when they needed me. But did they care? They felt nothing. And that's why sometimes I give up on being good. Tonight I want to breathe in peace, in acceptance and in defeat. Because someone told me... you can never be low